hindi Best Classic Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • चौराहे की चाय

    सुबह का अंधेरा जब धुंध में घिरा होता है, तब किसी चौराहे पर रखी डिबिया की हल्की-स...

  • काला मंदिर

    काला मंदिर: एक महागाथाप्रस्तावनाहिमगाँव की सर्द हवाओं में एक सदियों पुराना रहस्य...

  • इंतजार

    इतंजार**********वो एक भीड़-भाड़ वाला इलाका था । चारों तरफ लोगो कि आवा‌- जाही थी...

अंतर्निहित - 10 By Vrajesh Shashikant Dave

[10]प्रात: होते ही सारा खुली हवा में कुछ समय तक घूमने चली गई। प्रभात की वेला में उसे भारत की हवा में अधिक प्रसन्नता का अनुभव होने लगा। ‘कितनी शांति है यहाँ? कितना सुकून है यहाँ! यह...

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बच्चा बेटा, बूढ़ा बाप! By Ranjeev Kumar Jha

 उस घर से एक किलोमीटर की दूरी पर , मंदिर में हरिकीर्तन हो रहा था ।  गर्मी का समय था और शाम के वक्त रह - रहकर पछुआ हवा के झोके उठ रहे थे । जब हवा का कोई तेज झोका चलता तो उसके साथ हर...

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वो जो मैं नहीं था - 15 By Rohan

️ भाग 15 – "मूल और मुखौटा" स्थान: दिल्ली - परित्यक्त रेल टनल, Phase II लैब का आंतरिक चेंबर तारीख: 25 फ़रवरी 2031 - शाम 4:27---⏳ पिछला भाग:टीम को जस्सी ने PROJECT RAAHAT की असलियत द...

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चरित्रहीन ही सही मां तो हूं न। By Ranjeev Kumar Jha

चरित्रहीन ही सही मां तो हूं न।---–---------------------–--------सुबह के आठ बज गये थे,नींद तो टूट गयी थी,पर विस्तर छोडने में आलस आ रहा था, मैने करवट बदली तो बरामदे में पिंजरे में टं...

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चौराहे की चाय By Ritik Sandilya

सुबह का अंधेरा जब धुंध में घिरा होता है, तब किसी चौराहे पर रखी डिबिया की हल्की-सी रोशनी चारों ओर जीवन का आभास दिलाती है। नींद से बोझिल आंखे,और उबासी लिए लोग उसी रोशनी की ओर खींचे च...

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काला मंदिर By Mohammad Samir

काला मंदिर: एक महागाथाप्रस्तावनाहिमगाँव की सर्द हवाओं में एक सदियों पुराना रहस्य तैर रहा था—काला मंदिर और उसके भीतर छिपा देवताओं का खज़ाना। गाँव का हर बच्चा इस कहानी को सुनकर बड़ा...

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Mahatma Gandhi By Sonu Rj

महात्मा गांधी – जीवनीपूरा नाम: मोहनदास करमचंद गांधीजन्म: 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर, गुजरातपिता: करमचंद गांधी (दीवान – पोरबंदर रियासत)माता: पुतलीबाई गांधी (धार्मिक प्रवृत्ति वाली महिल...

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सजा का भय By ravindra thawait

कैसलपुर के राजा इंद्रसेन अपनी न्यायप्रियता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे। उन्होंने न केवल न्यायशास्त्र का गहन अध्ययन किया था, बल्कि अपने दरबार में पांच न्याय शास्त्र विशेषज्ञों की...

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इंतजार By Vartikareena

इतंजार**********वो एक भीड़-भाड़ वाला इलाका था । चारों तरफ लोगो कि आवा‌- जाही थी । कई दुकानें थीं तो कई ठेले ,जो सड़क किनारे खड़े थे । उन ठेलों से आती आवाजें लोगों को अपनी ओर बुला र...

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बीते समय की रेखा - 16 (अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

17. (अंतिम भाग )पाठको, इस लंबी कहानी के बीच हम आपको एक छोटा सा सिनेमा भी दिखाना चाहेंगे। ये कुल पौने तीन घंटे की एक डॉक्यूमेंट्री है जिसमें कोई पात्र नहीं है। बिजली भी गुल है, लिहा...

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माँ की गोद में जला बच्चा By Shiv Sahu

---भूमिकाभारत की भूमि पर इतिहास की रेत में दबे हुए अनगिनत आँसू हैं। कुछ कहानियाँ ऐसी होती हैं जो दस्तावेज़ों में नहीं मिलतीं, लेकिन लोककथाओं, बुजुर्गों की बातों और राख में दबी स्मृ...

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बचपन By Anjali

कहानी का शीर्षक: "गुड़िया: बचपन के सुनहरे दिन"विषय: एक गाँव की छोटी लड़की "गुड़िया" की बचपन की दुनिया – जिसमें दोस्ती, खेल, सपने, परिवार और भावनाओं से भरी यादें हैं।--- भाग 1: आम क...

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परिवार की परछाइयां By Anjali

परिवार की परछाइयाँभाग 1: जडे वाराणसी की पावन धरती पर गंगा किनारे बसा एक मोहल्ला – केदार घाट का इलाका, जहाँ मंदिरों की घंटियाँ सुबह-सुबह पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना देती थीं। उसी...

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कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 2 By Chanchal Tapsyam

कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा–2भाग 1 को आगे बढ़ाते हुए कहानी बारामुला में घुसपैठियों के प्रवेश तक पहुंची थी। यहां से कश्मीर भारत की गिरफ्त से बाहर लग रहा था लेकिन तभी, कहानी एक मोड...

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अनकही दास्तां - एक वृद्धाश्रम की करुण पुकार By akanksha

ये कहानी केवल मनोरंजन के लिए नहीं लिखी है ये एक संदेश है उन मौजूद ओर आगे आने वाली पीढ़ियों को अपने माता पिता को वृद्धाश्रम का दर्द न दे इस कहानी के माध्यम से उनका दर्द महसूस करे शा...

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रुह... - भाग 7 By Komal Talati

                                    ७. सुबह की पहली सुनहरी किरण जैसे ही खिड़की से भीतर आई, उसका हल्का सा स्पर्श पायल के मासूम चेहरे पर पड़ा। नींद की नरम चादर में लिपटी पायल के चेहर...

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अंतर्निहित - 10 By Vrajesh Shashikant Dave

[10]प्रात: होते ही सारा खुली हवा में कुछ समय तक घूमने चली गई। प्रभात की वेला में उसे भारत की हवा में अधिक प्रसन्नता का अनुभव होने लगा। ‘कितनी शांति है यहाँ? कितना सुकून है यहाँ! यह...

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बच्चा बेटा, बूढ़ा बाप! By Ranjeev Kumar Jha

 उस घर से एक किलोमीटर की दूरी पर , मंदिर में हरिकीर्तन हो रहा था ।  गर्मी का समय था और शाम के वक्त रह - रहकर पछुआ हवा के झोके उठ रहे थे । जब हवा का कोई तेज झोका चलता तो उसके साथ हर...

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वो जो मैं नहीं था - 15 By Rohan

️ भाग 15 – "मूल और मुखौटा" स्थान: दिल्ली - परित्यक्त रेल टनल, Phase II लैब का आंतरिक चेंबर तारीख: 25 फ़रवरी 2031 - शाम 4:27---⏳ पिछला भाग:टीम को जस्सी ने PROJECT RAAHAT की असलियत द...

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चरित्रहीन ही सही मां तो हूं न। By Ranjeev Kumar Jha

चरित्रहीन ही सही मां तो हूं न।---–---------------------–--------सुबह के आठ बज गये थे,नींद तो टूट गयी थी,पर विस्तर छोडने में आलस आ रहा था, मैने करवट बदली तो बरामदे में पिंजरे में टं...

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चौराहे की चाय By Ritik Sandilya

सुबह का अंधेरा जब धुंध में घिरा होता है, तब किसी चौराहे पर रखी डिबिया की हल्की-सी रोशनी चारों ओर जीवन का आभास दिलाती है। नींद से बोझिल आंखे,और उबासी लिए लोग उसी रोशनी की ओर खींचे च...

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काला मंदिर By Mohammad Samir

काला मंदिर: एक महागाथाप्रस्तावनाहिमगाँव की सर्द हवाओं में एक सदियों पुराना रहस्य तैर रहा था—काला मंदिर और उसके भीतर छिपा देवताओं का खज़ाना। गाँव का हर बच्चा इस कहानी को सुनकर बड़ा...

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Mahatma Gandhi By Sonu Rj

महात्मा गांधी – जीवनीपूरा नाम: मोहनदास करमचंद गांधीजन्म: 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर, गुजरातपिता: करमचंद गांधी (दीवान – पोरबंदर रियासत)माता: पुतलीबाई गांधी (धार्मिक प्रवृत्ति वाली महिल...

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सजा का भय By ravindra thawait

कैसलपुर के राजा इंद्रसेन अपनी न्यायप्रियता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे। उन्होंने न केवल न्यायशास्त्र का गहन अध्ययन किया था, बल्कि अपने दरबार में पांच न्याय शास्त्र विशेषज्ञों की...

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इंतजार By Vartikareena

इतंजार**********वो एक भीड़-भाड़ वाला इलाका था । चारों तरफ लोगो कि आवा‌- जाही थी । कई दुकानें थीं तो कई ठेले ,जो सड़क किनारे खड़े थे । उन ठेलों से आती आवाजें लोगों को अपनी ओर बुला र...

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बीते समय की रेखा - 16 (अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

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माँ की गोद में जला बच्चा By Shiv Sahu

---भूमिकाभारत की भूमि पर इतिहास की रेत में दबे हुए अनगिनत आँसू हैं। कुछ कहानियाँ ऐसी होती हैं जो दस्तावेज़ों में नहीं मिलतीं, लेकिन लोककथाओं, बुजुर्गों की बातों और राख में दबी स्मृ...

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कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 2 By Chanchal Tapsyam

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                                    ७. सुबह की पहली सुनहरी किरण जैसे ही खिड़की से भीतर आई, उसका हल्का सा स्पर्श पायल के मासूम चेहरे पर पड़ा। नींद की नरम चादर में लिपटी पायल के चेहर...

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